Mutual fund sach me sahi hai
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Mutual Funds क्या सच में सही है ? और क्या हमें Mutual Funds में निवेश करना चाहिए?

अगर आप इन सवालो के उतर ढूंढ रहे है तो आप सही जगह पर है।

पिछले कुछ सालो से हमारे देश में Mutual Funds का दौर बहुत बढ़ रहा है।

हर कोई Mutual Funds में निवेश करने की सलाह देता हैं।

Economic Times की एक रिपोर्ट के अनुसार सितंबर 2018 में SIP (Systematic investment plan) के ज़रिए Mutual Funds में निवेश सितंबर 2017 से 40 % तक बढ़ा है।

सितंबर 2017 में 5516 करोड़ था जो सितंबर 2018 में 7727 करोड़ हो गया है।

ऐसे में ये जानना बहुत ही ज़रूरी हो गया है की क्या ‘Mutual Funds सच में सही है ?’

इससे पहले की हम जाने की सचमे म्यूच्यूअल फंड्स लम्बे समय में काम करते है या नहीं हम ये जान लेते है की आखिर म्यूच्यूअल फंड्स होते क्या है?

 

म्यूच्यूअल फंड्स होते क्या है?

Mutual Fund एक निवेश की योजना है।

जिसमे की जिन लोगो को निवेश की जानकारी नहीं होती या फिर जिनके पास वक्त नहीं होता उनके पैसे को इकठ्ठा करके उस पैसे को अलग अलग निवेश के विकल्पों में निवेश किया जाता है।

इस तरह जमा किया हुआ पैसा संभालने के लिए और उसे किस तरह निवेश किया जाये ताकी निवेशकों को कम जोखिम ले कर अच्छा खासा रिटर्न मिले।

इन सभी चीज़ो का ध्यान रखने के लिए Fund Managers को रखा जाता है।

जिनके पास बहुत सारा पैसा संभालने का अच्छा अनुभव होता है।

इस काम के लिए Fund Management companies (Asset Management Companies) जो की इस पैसे को इकठ्ठा करने का काम करती है वो उन्हें वेतन देती है।

इस पूरी व्यवस्था को सँभालने के लिए Asset Management Companies कुछ फीस लेती है जो की उस Fund के 1.05 % से 2.25 % तक होता है।

जो की म्यूच्यूअल फंड्स के Expense Ratio में सामिल होता है।

Note:

यहाँ इस पर ध्यान देना बहुत ही ज़रूरी है के कोई भी Equity Mutual Fund निवेशकों को निश्चित रिटर्न नहीं दे सकता।

क्योंकी वो भी पैसा तो आखिर शेयर बाजार में ही निवेश करते है जहा पर कभी भी कुछ भी हो सकता है।

मगर अब तक ये देखा गया है की Mutual Funds ने लम्बे समय में अनुमानित तौर पर सालाना 15 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है।

जो की निवेश के ओर कोई भी विकल्प से लम्बे समय में ज्यादा है।

अब हम अहम बात पर आते है की

 

क्या Mutual Funds सच में लम्बे समय में सही है?

इसे हम एक उदहारण से समझते है।

सोचिये की आपको 5 साल के लिए 15000 रूपए निवेश करने है।

आपके पास बहुत सारे विकल्प है जिसमे से हम दो विकल्प को समझते है,

  • फिक्स्ड डिपाजिट (FD),
  • म्यूच्यूअल फंड्स (Mutual Funds)

 

1) फिक्स्ड डिपाजिट (FD):

यदि आप 15000 रूपए 5 साल के लिए निवेश करते है जहा का ब्याज 7.4 प्रतिशत है।

तो आपको 5 साल के ब्याज कुछ इस तरह मिलेगा।

साल के अंत मेब्याजकुल पैसा
पहले1110.0016110.00
दूसरे1192.1417302.14
तीसरे1280.3618582.50
चौथे1375.1119957.61
पांचवे1476.8621434.47
Mutual Funds in Hindi

 

5 साल के बाद कुल ब्याज = (21434.47 / 15000 -1) *100

= (1.43 -1)*100

                                         = 43%

5 साल के बाद फिक्स्ड डिपाजिट से हमें 15000 पर कुल ब्याज 6434.47 मिलेगा जो को 43 प्रतिशत है।

अब हम देखते है की इसके बजाय हम ये पैसे को Mutual funds में निवेश करे तो 5 साल के बाद हमें कितना रिटर्न मिलता है।

 

2) Mutual Funds :

म्यूच्यूअल फंड्स में कोई निश्चित रिटर्न नहीं मिलता मगर हमने जाना की अनुमानित रिटर्न 15 प्रतिशत देखने को मिला है।

अगर हम 15 प्रतिशत से गिने तो पांच साल के बाद कुछ इस तरह मिलेगा।

साल के अंत मेब्याजकुल पैसा
पहले2250.0017250.00
दूसरे2587.5019837.50
तीसरे2975.6322813.13
चौथे3422.0026235.10
पांचवे3935.2730170.37
Mutual Funds in Hindi

5 साल के बाद कुल रिटर्न = (30170.37/15000 – 1) *100

= (2.01-1)*100
= 101%

5 साल के बाद Mutual funds में 15000 निवेश करके आपको अनुमानित राशि 30170.37 मिलती जिसमे से निवेश की हुई राशि 15000 निकालने पर 15170.37 मिलता है।

 

Mutual Funds in Hindi
जो की FD में मिलने वाले ब्याज से दोगुना से भी ज़्यादा है।
अब सोचिये की क्या Mutual funds लम्बे समय में सही है या नहीं ?

Note:

यहाँ पर ये अवश्य जान ले की हमने 15 % का रिटर्न गिना है जो की अनुमानित है नाकी निश्चित है मगर फिक्स्ड डिपाजिट से मिलने वाला ब्याज तो निश्चित है।

फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश किया गया पैसा 100 प्रतिशत सुरक्षित है।

जबकी Mutual Fund में निवेश किया गया पैसा बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।

अगर आप लम्बे समय के लिए निवेश करते है और धीरज से काम लेते है तो Mutual Fund में भी अवश्य पैसा बनेगा।

एक और बात जान ले की Mutual fund में निवेश किया हुआ पैसा भी आप कभी भी निकाल सकते है।

लेकिन यहाँ पर आपको कितना पैसा मिलेगा वो आप कब पैसा निकाल रहे हे उस पर निर्भर करता है।

जो की शेयर बाजार की स्थिति के अनुसार कम या ज़्यादा हो सकता है।

अगर आप एक निश्चित समय से पहले निकालेंगे तो आपको Exit Load भी भरना पड़ सकता है।

मगर फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश किया हुआ पैसा निवेश की अवधि के पहले निकालेंगे तो उसमे से सिर्फ ब्याज ही कम होता है मूल राशी में से कुछ कम नहीं होता।

आखिर में आपको अपने पैसो का निवेश कोनसे विकल्प में करना है वो तो आपकी जोखिम लेने की क्षमता और धीरज पर निर्भर करता है।

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By Gaurav

Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।