अब इस पोस्ट में हम देखेंगे की Mutual Funds में किस तरह से निवेश कर सकते है।
जिससे की हमें अच्छे रिटर्न के साथ कुछ सुरक्षा भी मिल सके।
- LUMP SUM (एकमुश्त)
- SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान)
- STP (सिस्टमेटिक ट्रांसफर प्लान)
1) LUMP SUM (एकमुश्त):
Lump Sum निवेश करने का एक तरीका है जिसमे निवेश करने लायक पूरी राशि एक साथ ही निवेश कर देते है।
जैसे हम कोई फिक्स्ड डिपाजिट में पूरी राशि एक साथ निवेश करते है।
इस तरीके से किया गया निवेश बाकि दोनों तरीको से ज्यादा जोखिम भरा होता है।
अगर हमसे बाजार के ऊपरी स्तर पर निवेश हो गया तो ऐसा भी हो सकता है की बहुत साल तक कुछ पैसा ही न बने।
या फिर नुकसान भी हो सकता है।
2) SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान):
इस तरीके में निवेश करने लायक राशि को एकमुश्त निवेश करने के बजाए एक निश्चित अवधि में एक निश्चित राशि को जमा कीया जाता है।
जैसे की अगर आपके पास निवेश करने के लिए 3 लाख रूपए है तो आप हर महीने 5000 रूपए पांच साल तक निवेश कर सकते है।
ऐसा करने से बाजार की हर परिस्थिति में कुछ राशि निवेश होती जाती है।
इस तरीके से आपको औसत भाव मिल जायेगा और जोखिम कम हो सकेगा।
क्योकि आपने बाजार के हर एक स्तर (न्यूनतम,उच्चतम ) पर निवेश किया होगा।
इस तरीके का फायदा तभी मिल सकता है जब आप निश्चित की गई राशि को निश्चित की गई अवधि में जमा कराते रहे।
यह तरीका ऐसे लोगो के लिए बहुत काम का है जिनकी आय हर महीने आती हो।
ऐसे लोग हर महीने SIP के द्वारा किसी अच्छे म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कर सकते है।
और जिन लोगो को अपना जोखिम कम करना है उनके लिए भी यह तरीका बहुत अच्छा है।
SIP के बारे में ज्यादा जानकारी यहाँ से ले : SIP Meaning in Hindi
3) STP (सिस्टीमेटिक ट्रांसफर प्लान):
SIP के जरिये निवेश करने से जोखिम तो बहुत कम हो जाता है।
लेकिन अगर आपके पास निवेश लायक राशि एक मुश्त ही हो तो ?
या फिर आपका काम ही ऐसा हो की आपकी आम्दनी एकमुश्त ही आती हो तो ?
इस संजोगो में आपको निवेश लायक राशि को बैंक में जमा करके फिर उस में से SIP करनी पड़ती है।
जब तक पूरी रकम निवेश नहीं हो जाती तब तक बची हुई राशि के ऊपर सिर्फ 4 प्रतिशत तक ही ब्याज मिलेगा।
जो की बहोत ही कम है।
जैसे आपने होने बचत खाते में 1 लाख रुपए निवेश करने के लिए रखे है।
लेकिन उसमे से सिर्फ 50 हजार ही अभी तक निवेश हुए है , तो बाकि के 50 हजार पर सिर्फ 4% ब्याज ही मिलेगा।
इस समस्या का समाधान ही है STP यानी Systematic Transfer Plan.
इस तरिके में निश्चित राशि को निश्चित अवधि में एक म्यूच्यूअल फंड में से दूसरे म्यूच्यूअल फंड में ट्रांसफर किया जाता है।
ज्यादातर Debt funds में से equity funds में।
इस तरीके में पहले एकमुश्त राशि को किसी अच्छे से debt fund में जमा किया जाता है।
फिर उसमे से निश्चित अवधि में निश्चित राशि निकाल कर equity fund में निवेश की जाती है।
इस तरह debt fund में बची हुई राशि में ब्याज मिलता रहता है जो की बचत खाते में मिलने वाले ब्याज से ज्यादा होता है।
यदि आपके पास 3 लाख रुपए निवेश करने के लिए है तो आप इस तरह निवेश कर सकते है।आप किसी fund house के debt fund में पैसा निवेश कर सकते है।फिर उसे उस ही fund house के equity fund में हर महीने 5000 रूपए ट्रांसफर करने की सुचना दे सकते है।
यदि आप SBI के equity mutual fund में STP करना चाहते है तो आपको SBI के ही debt fund में निवेश करना पड़ेगा।
STP का एक और बढ़िया उपयोग यह भी है।
अगर आपने बहोत सालो पहले पैसा कोई equity Fund में निवेश किया था।
और अब निवेश की अवधि ख़त्म होने में कुछ साल ही बाकि है तो आप STP के ज़रिये equity fund में से निश्चित पैसा निश्चित अवधि में debt mutual fund में ट्रांसफर कर सकते है।
जिससे आपको इक्विटी फंड्स में मिला हुआ रिटर्न सुरक्षित होता चला जाए।
इसे इस तरह समजिये अगर आपने 15 साल पहले जब आपकी बेटी 5 साल की थी।
तभी उसकी शादी के लिए एक equity fund में 20 साल के लिए निवेश किया था।
और अब वो निवेश की अवधि पूरी होने में सिर्फ 5 साल बाकी है तो आपको अब तक मिले पैसो को धीरे धीरे equity से debt fund में ट्रांसफर करने की सुचना भी दे सकते है।
इस तरह STP के उपयोग से आप अपना पैसा सुरक्षित भी कर सकते है।
आखिर में ये कहूंगा की आप किस तरह निवेश करते है ये तो आप की आम्दनी आने का तरीका और आपकी जोखम जलने की क्षमता पर निर्भर करता है।
यदि आपकी आम्दनी हर महीने आती है तो आप हर महीने की SIP शुरू कर सकते है।
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