Stock Valuation.
दोस्तों अब तक हम Fundamental Analysis की Series में अलग अलग प्रकार के Ratio के बारे में जान चुके है।
अब हम किसी कंपनी की Value कैसे निकाले उसके बारे में जानेंगे।
तो आइए पहले जानते है की,
Stock Valuation क्या है ?
Stock Valuation का मतलब है, Stock का मूल्यांकन।
यह कंपनीओ के व्यापार और उसकी संपत्ती के अनुसार उसका अनुमानित मूल्य तय करने का एक तरीका है।
जिस में हम कंपनी के पिछले कुछ सालो के व्यापार के अनुसार आने वाले सालो में उसका व्यापार कितना हो सकता है, उसका अनुमान लगाते है।
फिर उस व्यापार और उसकी संपत्ती के अनुसार भविष्य में उस कंपनी और उसके 1 शेयर का मूल्य कितना हो सकता है, उसका अनुमान लगाते है।
उसके बाद जब कभी उस मूल्य से अच्छे discount पर उस कंपनी का शेयर मिल रहा हो तब हम उन शेयर को खरीदेंगे।
और लम्बे समय के लिए अपने पास ही रखेंगे।
इस लम्बे समय के दौरान हम कंपनी की आर्थिक स्थिति, उसका व्यापार और उसकी संपत्ति पर भी ध्यान देंगे।
जब तक उसका व्यापार सही से चल रहा हो तब तक हम उन्हें अपने पास रखेंगे।
अगर हमने सही कंपनी में सही दाम पर निवेश किया होगा तो हमें बहुत अच्छा मुनाफा होगा।
लेकिन अगर हम गलत कंपनी में या गलत दाम पर निवेश करेंगे तो नुकसान भी हो सकता है।
इस लिए अच्छी कंपनी में भी अच्छे दाम पर ही निवेश करना चाहिए।
क्युकी अगर हम सोना उसके सही मूल्य के 4 गुना दाम में खरीदेंगे तो सोना भी हमे नुकसान दे सकता है।
इस लिए जितना जरुरी अच्छी कंपनी में निवेश करना है, उतना ही जरुरी अच्छे दाम पर भी निवेश करना है।
अब हम एक उदाहरण से समझते है,
Stock Valuation का उदारहण :
कंपनी A के पिछले व्यापार और उसकी संपत्ती के अनुसार उसका अनुमानित मूल्य 2000 करोड़ आ रहा है।
और उसने अपने 20 करोड़ शेयर, शेयर बाज़ार में जारी कर रखे है।
इस पर से उसके 1 शेयर का अनुमानित मूल्य 100 रुपए होगा।
अब जब कंपनी A के 1 शेयर का दाम 100 रुपए से 30 – 40 % discount पर मिलेगा तब हम उसे बड़ी मात्रा में खरीदेंगे।
और लम्बे समय तक इन शेयर को अपने पास रखेंगे।
फिर जब कुछ सालो बाद हमें ऐसा लगे की अब कंपनी का व्यापार या उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, तब उन शेयर को बेच देंगे।
इस बिच में अगर कंपनी A अच्छा व्यापार करती है, तो उसके 1 शेयर का दाम हमारे अनुमान से कई गुना ज्यादा भी हो सकता है।
तब हम उसे बेच कर मुनाफा कमा सकते है।
Stock Valuation करने के तरीके :
Stock Valuation methods में
- Dividend Discount Method,
- Discount Cash Flow Method
- और PE Valuation Method
जैसे कई तरीके सामिल है।
इनमे से आज हम PE Valuation Method के बारे में जानेंगे।
PE Valuation Method क्या है ?
यह तरीका सामान्य तौर पर उपयोग किया जाने वाला तरीका है।
इस तरीके में हम कंपनी के PE Ratio और उसके Industry PE का उपयोग करेंगे।
जैसे हर एक कंपनी का PE Ratio होता है, वैसे ही हर एक Industry जिसमे बहुत सारी कंपनियां सामिल है, उसका भी PE Ratio होता है।
उसी PE Ratio को हम Industry PE कहते है।
किसी भी Industry का PE उसमे सामिल सभी कंपनीओ के PE Ratio का average होता है।
इस तरीके में हम कंपनी के PE Ratio की तुलना उसके Industry PE से करते है।
अगर कंपनी का PE Ratio उसके Industry PE से ज्यादा होगा तब हम उस शेयर को overvalued यानी महंगा कह सकते है।
लेकिन अगर उस कंपनी का PE Ratio उसके Industry PE से कम है, तो हम उस undervalued यानी सस्ता कह सकते है।
शेयर की PE Valuation method का उदाहऱण :
कंपनी B जिसका Industry PE 25 है, उसके 1 शेयर का दाम 300 रुपए है।
तथा उसका EPS 10 रुपए है।
ऐसे में कंपनी B का Price to Earnings Ratio 300/10 यानी 30 होगा।
जो की उसके Industry PE से ज्यादा है, मतलब हम ऐसा कह सकते है, की कंपनी B का शेयर अभी महंगा है।
और महंगे शेयर में तो निवेश नहीं करना चाहिए, इस लिए हमे कंपनी B में निवेश नहीं करना चाहिए।
तो बस क्या यह इतना ही है? फिर तो यह बहुत ही आसान है, ना ?
बहुत अच्छा होता अगर यह इतना ही सरल होता।
लेकिन जाहीर यह ऐसा नहीं है।
इसके अलावा भी बहुत कुछ है, जो हम आने वाले दिनों में जानेंगे।
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