Terminal Value kya hoti hai?
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Terminal Value .

दोस्तों इससे पहले हम Free Cash Flow को समझ चुके है।

हमने जाना था की वह हमें Stock Valuation के DCF के तरीके में उपयोग होने वाला है।

वैसे ही आज हम Terminal Value के बारे में जानेंगे।

वह भी DCF की मदद से Stock Valuation करने में उपयोगी होगा।

इस लिए आज हम उसके बारे में एक उदाहरण के साथ समझेंगे।

लेकिन पहले जान लेते है की,

 

Terminal Value क्या होती है ?


टर्मिनल वैल्यू का मतलब है, हमने ख़रीदा हुआ निवेश बेचने पर मिलने वाली राशि।

लेकिन इस value में हमारे निवेश से मिला हुआ Cash Flow सामिल नहीं है।

जैसे अगर 10 साल पहले कोई Shop आपने 6 लाख में खरीदी थी और उसे हर महीने के 4000 रुपए के किराए पर दिया।

अभी हम यह सोचते है, की पिछले 10 साल में हर महीने आपको किराया 4000 मिलता ही रहा एक भी महीना खाली नहीं गया।

ऐसे में पिछले 10 सालो में आपको 4.8 लाख रुपए का कुल किराया मिला।

इस किराए को हम आपकी Property से मिलने वाला Cash Flow कहेंगे।

क्युकी यह आपको हर महीने मिलता रहता है।

और जब आज आपने इस दुकान का दाम पता किया तो आपको पता चला की उसका दाम अभी 24 लाख रुपए है।

इसी 24 लाख रुपए को आपकी दुकान की Terminal Value कहेंगे।

क्युकी अब तो आप इसे बेचने वाले है, और इसके बदले में आपको यह 24 लाख रुपए मिलने वाले है।

यानी जब भी आप कोई अपना ख़रीदा हुआ निवेश बेचते है, तो उसे बेचने पर मिली हुई राशि को Terminal Value कहते है।

तो अब आप समझ गए होंगे की Terminal Value क्या होती है।

अब हम जानते है की

 

टर्मिनल वैल्यू का उपयोग क्या है ?

हमने ऊपर के उदाहरण में समझा की हमें कुल मिला हुआ रिटर्न मिले हुए Cash Flow और उसकी Terminal Value से पता चलता है।

और शेयर बाज़ार में निवेश करने का मतलब व्यापार में ही निवेश करना ही तो होता है।

इसी लिए हमें DCF के तरीके से Stock Valuation करते वक्त भी हमारे निवेश की Terminal Value निकालनी पड़ेगी।

अब हम जानते है, की

 

Terminal Value को कैसे निकाला जाता है ?


Terminal Value को हम दो तरीको से निकाल सकते है :

 

1) Perpetuity Method :

Perpetuity का मतलब है, अनंत काल।

इस तरीके में हम यह मान लेते है, की हम जिस व्यापार के लिए Terminal Value गिनने जा रहे है, वह अनंत काल (perpetuity) तक चलेगा।

Perpetuity Method में हम निचे दिए गए Formula का उपयोग करेंगे :

Terminal Value

इस तरीके में हमें तीन चीज़ो की जरुरत होगी :

  • Terminal Growth Rate
  • Discount Rate
  • और Free Cash Flow of last year.

 

i) Terminal Growth Rate :

Terminal Growth Rate वह अनुमानित % है, जितनी बढ़त अनंत काल तक कंपनी में होगी ऐसा हम मानते है।

यहां अनंत काल की बात है, इस लिए इसमें समय निश्चित नहीं है।

ऐसे में हम सीधे ही कोई growth rate नहीं ले सकते।

इस लिए हम यहाँ Terminal Growth Rate 3% लेंगे जो पिछले 14 साल के भारत के GDP growth 7.6 % के आधे से थोड़ा कम है।

 

ii) Discount Rate :

Time Value of Money की post में हमने जाना था की हम अपने निवेश की Future Value में से Present Value भी खोज सकते है।

इसके लिए हमें जिस Rate की जरुरत होती है, उसी को discount rate कहते है।

यहाँ पर मैंने 12 % का discount rate लिया है।

क्युकी इतने रिटर्न की आशा तो हम कोई भी व्यापार में निवेश से करना ही चाहिए।

 

iii) Free Cash Flow of Last Year :

जब हम Discounted Cash Flow method को समझेंगे तब हम किसी भी व्यापार के आने वाले 10 सालो का Free Cash Flow को project करेंगे।

उसके बाद हम उस व्यापार की Terminal Value खोजेंगे।

जो free cash flow हमने उस 10 वे साल के लिए project किया था उसी free cash flow को इस formula में उपयोग किया जाता है।

यहाँ पर हम सिर्फ Terminal Value की गिनती ही समझना चाहते है।

इस लिए हम यहाँ पर 10 वे साल का Free Cash Flow 100 करोड़ ले लेंगे।

अब इस व्यापार के लिए Terminal Value की गणना इस प्रकार होगी।

Terminal Value

2) Exit Multiple Method :

Terminal Value को हम एक किसी व्यापार की Selling Value भी कह सकते है।

इस लिए इस तरीके में हम कंपनी की टर्मिनल वैल्यू को कंपनी के EV to EBITDA जैसे कोई भी ratio के गुणांक की मदद से गिन सकते है।

उदाहरण के तौर पर हम ऐसा माने के जब कंपनी की Enterprise Value उसके EBITDA के 15 गुना होगी तब हम निकल जानेंगे।

ऐसे में हम कंपनी के EBITDA को 15 से गुणा करने पर मिली हुई value को Terminal Value मान सकते है।

जैसे अगर कंपनी A का EBITDA 500 करोड़ है, और हम उसके 15 गुना पर अपने शेयर बेचना चाहते है।

ऐसे में कंपनी A की Terminal Value 7500 करोड़ होगी।

इस तरह हम कंपनी और भी कोई ratio के गुणांक के उपयोग से भी Terminal Value खोज सकते है।

इसका उपयोग जब हम Discounted Cash Flow को समझेंगे तब करेंगे।

 

निष्कर्ष :

तो दोस्तों आज हमने किसी व्यापार या निवेश की Terminal Value के बारे में जाना।

उम्मीद करता हु आपके लिए यह जानकारी उपयोगी साबित होगी।

By Gaurav

Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।