Price to Cash Flow Ratio in Hindi
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Price to Cash Flow Ratio

दोस्तों हमने Cash Flow Statement के बारे में समझते वक्त बात की थी की कंपनी की Earnings के साथ उसका Cash Flow भी जानना बहुत जरुरी है।

क्युकी आखिर Cash ही तो है, जिसके द्वारा कोई भी व्यापार संभव हो सकता है।

इस लिए आज हम कंपनी के Valuation में उपयोगी Price to Cash Flow Ratio के बारे में जानेंगे।

तो आइए पहले जानते है की,

 

Price to Cash Flow Ratio क्या होता है ?

किसी भी कंपनी का Price to Cash Flow Ratio हमें बताता है, की उस कंपनी के एक शेयर का दाम उसके Cash Flow per Share से कितने गुना है।

यहाँ लिया जाने वाला Cash Flow, Operating Cash Flow होता है।

जो हमें बताता है, की कंपनी के मुख्य व्यापार से उसके पास कितना Cash आया है।

 

Price to Cash Flow Ratio का Formula क्या है ?

किसी भी कंपनी के एक शेयर के दाम को उसके Operating Cash Flow per share से विभाजित करने से हमें उसका Price to Cash Flow Ratio मिलता है।
Price to Cash Flow Ratio
कुल Operating Cash Flow को कंपनी के Number of Shares से विभाजित करने से हमें Operating Cash Flow Per Share मिल जाता है।

Operating Cash Flow हम कंपनी के Cash Flow Statement में से जान सकते है।

इसके अलावा हम एक और तरीके से भी यह Ratio निकाल सकते है।

कंपनी के Market Capitalization को ही सीधे उसके कुल Operating Cash Flow से विभाजित करने पर भी हमें यह Ratio मिल जाता है।

Price to Cash Flow Ratio

उदाहरण के तौर पर Company A ने अपने 200 करोड़ शेयर जारी कर रखे है।

उस एक शेयर का दाम बाज़ार में 100 रुपए है।

इसके अलावा कंपनी A का Operating Cash Flow 1000 करोड़ है।

ऐसे में उसका Operating Cash Flow

Per Share = 1000 करोड़ रुपए / 200 करोड़

= 5 रुपए होगा।

और उसका

Price to Cash Flow = 100 रुपए / 5 रुपए = 20 होगा।

मतलब बाज़ार के निवेशक कंपनी A के 1 रुपए प्रति शेयर के Operating Cash के लिए 20 रुपए दे रहे है।

दूसरे तरीके से इस प्रकार खोज सकते है,

Market Capitalization = 200 करोड़ x 100 = 20000 करोड़,

Price to Cash Flow = 20000 करोड़ / 1000 करोड़ = 20 होगा।

 

इस Ratio का उपयोग क्या है ?

कंपनी के PE Ratio की तरह ही इस Ratio का उपयोग भी कंपनीओ के मूल्यांकन के लिए किया जाता है।

PE Ratio की तरह ही यह ratio भी अलग अलग sector के लीए अलग अलग होता है।

इस लिए निवेशक समान काम करने वाली अलग अलग कंपनीओ के Price to Cash Flow Ratio की तुलना कर सकते है।

और फिर उनमे से सस्ती कंपनियां खोज सकते है।

जिस कंपनी के लिए यह Ratio कम वह कंपनी सस्ती हो सकती है।

इस तरह हम कंपनी के Price to Cash Flow Ratio के उपयोग से उस कंपनी का मूल्यांकन कर सकते है।

 

PE Ratio के होते हुए इस Ratio की जरुरत क्या है ?

वैसे तो यह Ratio भी Price to Earnings Ratio से मिलता जुलता ही है, लेकिन यह Ratio हमें कंपनी की स्थिति ज्यादा बेहतर तरीके से बताता है।

क्युकी Price to Earnings Ratio खोजने के लिए कंपनी के Net Profit को लिया जाता है।

और कंपनी के Non Cash Expenditures को घटाने के बाद उसका Net Profit मिलता है।

जैसे Depreciation और Amortization दोनों ही non cash expenditure है।

यह Expenditures की सिर्फ Entry ही होती है, असल में तो यह खर्च पहले ही हो चुके होते है।

इस लिए इन खर्च में कंपनी का Cash कम नहीं होता है।

जिस से कंपनीया इन खर्च को manipulate कर के Net Profit को manipulate कर सकती है।

और इसका असर सीधा PE Ratio पर पड़ता है।

ऐसे में कंपनी के PE Ratio के द्वारा किया गया मूल्यांकन गलत साबित हो सकता है।

लेकिन Net Profit की तरह Cash Flow के साथ manipulation हो पाना बहुत मुश्किल है।

इस लिए हम कंपनी के Price to Cash Flow से उसकी स्थिति बेहतर तरीके से जान सकते है।

 

निष्कर्ष :

दोस्तों आज हमने सीखा की Price to Cash Flow Ratio क्या है ? , उसका Formula क्या है ? और उसका उपयोग किस तरह किया जाता है ?

उम्मीद करता हु की अब से आप किसी भी कंपनी में निवेश से पहले उसका Price to Cash Flow Ratio भी देखेंगे।

By Gaurav

Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।