Financial Notes kya hai?
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Notes to Financial Statements.

अब तक हम Fundamental Analysis की Series में Profit & Loss Statement , Balance Sheet और Cash Flow Statement के बारे में जान चुके है।

क्या आपने इन सबके बारे में जानते वक्त इसमें लिखे Note Number को देखा है ?

आज हम उसी Notes के बारे में जानेंगे।

इनका ही पूरा नाम है, Notes to Financial Statements.

 

क्या है Notes to Financial Statements और कैसे उपयोगी है?

किसी भी कंपनी की Balance Sheet और Profit & Loss Statement बनाते वक्त बहुत सी गिनतियां करनी पड़ती है।

इन गिनतिओ से मिली हुई कुल राशि को ही Balance Sheet और Profit & Loss Statements में दिखाया जाता है।

जैसे P & L में Depreciation & Amortization Expenses के सामने उसकी राशि लिखी जाती है।

लेकिन उसमे किस Assets का कितना Depreciation है और किसका कितना Amortization है यह सब नहीं लिखा जाता।

उदाहरण के तौर पर कंपनी A के पास 30 Assets है।

उन में से 20 Tangible Fixed Assets है इस लिए उनका Depreciation Cost गिनना होगा।

जब की बाकि के 10 Intangible Assets है, इस लिए उनका Amortization Cost गिनना होगा।

अब इन सभी की जानकारी सीधे P & L में Depreciation & Amortization Expenses के सामने नहीं लिख सकते।

क्युकी सिर्फ Depreciation & Amortization Expenses में ही 50 Assets की जानकारी देनी है।

ऐसी तो बहुत सी जानकारी देनी पड़ती है।

अगर सभी की जानकारी सीधा P & L में लिखेंगे तो 30 – 40 पन्नो का तो सिर्फ P & L Statement ही होगा।

जिस से Total Revenue पहले पन्ने पर होगी और Total Expenses 20 में पन्ने पर होंगे।

और फिर ऐसी बहुत सी जानकारीया तो Balance Sheet में भी देनी है।

तो Balance Sheet भी 1 – 2 पन्नो की बजाए 30 या 40 पन्नो की हो जाएगी।

ऐसे में कोई भी निवेशक इस P & L या Balance Sheet का Analysis नहीं कर पाएगा।

जिस से कोई भी निवेशक कंपनी में निवेश नहीं करेगा।

और उसका नुकसान खुद कंपनी को ही है।

इस लिए ऐसी समस्याओ से बचने के लिए इन सभी चीज़ो की सिर्फ कुल राशी ही Balance Sheet और P & L में लिखी होती है।

 

तो क्या इनकी विस्तार से जानकारी नहीं दी जाती ?


जी नहीं ऐसा नहीं है। सभी जानकारिया दी तो जाती ही है।

लेकिन उनको एक Note के रूप में लिखा जाता है।

यह Notes आपको कंपनी के Annual Report में सभी Financial Statements के बाद दर्शाया जाता है।

इन Notes को ही कहते है, Notes to Financial Statements.

इन सभी Notes को एक अलग अलग Serial Number दिया जाता है।

फिर वह Number कंपनी की Balance Sheet या P & L Statement में इन सभी चीज़ो के सामने लिखा जाता है।

ताकि पढ़ने वाले को पता चले की उसे जिस चीज़ की विस्तार में जानकारी चाहिए उसे वह किस Number की Note में पा सकता है।

उदाहरण के तौर पर यहाँ पर हमने D’Mart का P & L दिखाया है।

Notes to Financial Statements

उसमे Depreciation के सामने Note Number 30 दिया गया है।

यानि Depreciation से जुडी जानकारी विस्तार में 30 Number की Note में दी गई है।

और यह है वो Note Number 30 .

Notes to Financial Statements

जिसमे से आप देख सकते है की Depreciation से जुडी जानकारी और उसकी गिनती दी गई है।

इनमे Tangible Assets का Depreciation , Intangible Assets का Amortization और Investment Property का Depreciation दिया गया है।

इन सबका Total यानि Total Depreciation & Amortization Expenses मिलकर 198.80 करोड़ है।

ऊपर हमने देखा की इतनी ही राशि Depreciation & Amortization Expenses के सामने P & L में लिखी गई है।

यह तो सिर्फ Depreciation और Amortization Expenses की बात हुई ऐसी तो बहुत सी चीज़ो की Notes बनती है।

जिनका Number P & L Statement और Balance Sheet में दिया जाता है।

 

निष्कर्ष :


तो दोस्तों आज हमने सीखा की Notes to Financial Statements हमें कंपनी की Balance Sheet और Profit & Loss Statement में दी गई जानकारी विस्तार से बताता है।

जिससे आप समझ गए होंगे की एक निवेशक के तौर पर कंपनी को अच्छी तरह से समझने के लिए हमें इन Notes को अच्छे से पढ़ना और समझना कितना जरुरी है।

मगर बहुत से सामान्य निवेशक इन Notes को न पढ़ने की भी गलती करते है।

उम्मीद करता हु की अगर आप वह गलती करते थे तो अब से वह गलती नहीं करेंगे।

दोस्तों अगर आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करे।

Disclaimer : यहा पर D’Mart का उदाहरण सिर्फ आपको समझाने के लिए ही लिया गया है। में किसी भी कंपनी में निवेश की सलाह नहीं दे रहा हु।

कोई भी निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह ले या फिर खुद समझ कर ही करे।

धन्यवाद।

By Gaurav

Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।