Is Suzlon Multibagger?

जी हा अगर आप बाजार मे बहुत से शेयर के price पर नज़र रखने वाले निवेशक है तो आपको पता होगा की जिस Suzlon ने साल 2008 के बाद से सिर्फ निवेशको का पैसा डुबाने का काम किया था वह सिर्फ पिछले 6 महीने मे ही निवेशको का पैसा 4 गुना कर चुका है। क्यूकी करीब 6 महीने पहले Suzlon का शेयर करीब 7.5 रुपए पर चल रहा था। इसके बाद हाल ही मे उसने अपने करीब 9 साल पहले के level (30 रुपए) तक जाने की कोशिश की है।

तो क्या Suzlon एक Multibagger Share बनने वाला है?

Suzlon Share Price today

यह जानने के लिए हमे यह जानना पड़ेगा की Suzlon कंपनी मे आखिर समस्या क्या थी? और ईएसए क्या हुआ जिस से यह शेयर इतना जल्दी भागने लगा? और क्यू पिछले 6 महीने मे 4 गुना तक कर दिया अपने निवेशको का पैसा?

Suzlon की वास्तविक समस्या क्या थी ?

यदि आपने देखा हो तो आपको पता होगा की वित्तवर्ष 2012 से लेकर आज तक करीब 12 साल मे Suzlon का net profit positive मतलब जिसमे सही मे कंपनी ने profit किया हो एसे सिर्फ 3 साल रहे है, जिसमे वित्तवर्ष 2016, 2017 और 2021. मतलब बाकी के 9 साल मे कंपनी कभी भी शुध्ध मुनाफा कमा ही नहीं पाई है।

Suzlon Results

जैसे बड़े निवेशक Warren Buffet का कहना है की लंबे समय मे किसी भी शेयर की price उसके व्यवसाय पर ही निर्भर करती है। अगर व्यवसाय ठीक से नहीं चला तो लंबे समय मे उसका price गिरता ही रहेगा। यह तो हमने जान लिया की 12 साल मे 9 साल कंपनी ने शुध्ध मुनाफा कमाया ही नहीं, लेकिन एसा क्यू हुआ यह भी तो जानना जरूरी है ना।

Suzlon का कर्ज़ :

वैसे व्यापार करने के लिए कर्ज़ लेना बुरा नहीं है और व्यापार मे कई बार कर्ज़ लेना पड़ता भी है। लेकीन अगर एक हद से ज्यादा कर्ज़ लिया जाए तो यह कंपनी को बर्बाद भी कर सकता है। उदाहरण के तौर पर कंपनी ABC है जिसने 1000 करोड़ रुपए का कर्ज़ लिया है। जिसके लिए उसको हर तिमाही मे 30 करोड़ रुपए (ब्याज और मुद्दल) के हिस्से के रूप मे कर्ज़ देने वाले को देना है।

यहा पढे : सामान्य कंपनी को कितनी हद्द तक कर्ज़ लेना चाहिए यह कैसे पता चले ?

मतलब कंपनी ABC को हर 3 महीने मे 30 करोड़ रुपए का निश्चित भुगतान तो करना ही पड़ेगा। इसमे जब तक कंपनी का व्यवसाय अच्छा चल रहा है तब तक तो कंपनी यह भुगतान अच्छे से कर देगी। लेकिन जैसे हमे पता है की हर किसी व्यापार मे कभी न कभी मंदी आती ही है। तो जैसे ही इसके व्यापार मे मंदी आयी कंपनी ABC का मुनाफा (operating profit) 60 करोड़ से कम होकर 30 करोड़ रुपए हो गया।

अब एसे मे कंपनी को 30 करोड़ रुपए का तो कर्ज़ का भुगतान करना है, और बाकी सभी खर्च, tax और working capital के लिए पैसा भी तो चाहिए वह कहा से आएगा? अब इस समय जिस कंपनी के पास अच्छे खासे reserves के रूप मे पैसे है वह तो लंबे समय तक भी यह काम करते हुए अपने व्यापार को चला सकती है। लेकिन जिस कंपनी ने हद से ज्यादा कर्ज़ लिया है वह तो लंबे समय तक इस कर्ज़ को नहीं चुका सकती है। ABC कंपनी भी एसी ही है, यह भी 2 साल तक अपने reserves मे से यह सभी खर्च उठाती रही लेकिन अब तो reserves का पैसा भी उतना नहीं बचा है, एसे मे कंपनी या तो कर्ज़ नहीं चुका पाएगी इस लिए दिवालिया हो जाएगी, या तो किसी और जगह से पैसो का बंदोबस्त करेगी।

Suzlon Debt Trap

जहा से भी करेगी वहा भी कभी न कभी तो पैसा वापस देना ही होगा। एसे मे कंपनी को पहले वाले कर्ज़ के 30 करोड़ रुपए और यह नए वाले कर्ज़ के और पैसे देने पड़ेंगे जिस से कंपनी पर और भी कर्ज़ का बौजा बढ़ता ही जाएगा। एसे मे कंपनी कर्ज़ के दुष्चक्र मे फसती जाएगी और Suzlon के साथ भी वैसा ही हुआ।

Suzlon कर्ज़ से उभरा कैसे ?

साल 2020 मे Suzlon की इस कर्ज़ के दुष्चक्र को सुधारा गया। जिसमे कंपनी के कर्ज़ का कुछ हिस्सा Preference Shares मे कुछ हिस्सा Convertible Bonds मे और कुछ हिसा कम ब्याज वाले कर्ज़ मे convert कर दिया गया। जिस से कंपनी का कर्ज़ भारी मात्रा मे कम हो गया। अगर हमारी ABC कंपनी के हिसाब से देखे तो उसको जो हर तिमाही मे 30 करोड़ रुपए चुकाने थे वह 30 करोड़ रुपए 10 करोड़ रुपए (उदाहरण के तौर पर) हो गए।

यहा पढे : प्रेफरेंस शेयर क्या है ? (Preference Share Meaning in Hindi)?

इस से कंपनी को हर तिमाही मे करीब 20 करोड़ रुपए बचने लगे, जिस मे से वह कुछ हिस्सा कर्ज़ को सीधा कम करने मे और बाकी का हिस्सा working capital मे जोड़ने लगी। अब शुरू के कुछ तिमाही मे इस से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन कुछ तिमाही बाद अचानक कंपनी पर जो 10 करोड़ रुपए कर्ज़ के रूप मे चुकाने पड़ रहे थे वह अब कम होकर 8 करोड़ (उदाहरण के तौर पर) हो गए।

suzlon debt release 1

वही working capital बढने से कंपनी का operating profit भी बढ़ेगा। इन दोनों से अब कंपनी के पास हर 3 महीने मे 20 की जगह 25 करोड़ रुपए बचेंगे जिस से वह फिर से कुछ हद तक कर्ज़ चुकाएगी और कुछ working capital मे जोड़ेगी। जिस से आने वाले समय मे कर्ज़ का हिस्सा भी कम होता रहेगा और working capital बढ्ने से व्यापार भी अच्छा चलने लगेगा। इस तरह कंपनी धीरे धीरे कर्ज़ के दुष्चक्र मे से निकलती जाएगी और एक समय के बाद कर्ज़ मुक्त भी हो सकती है। Suzlon के साथ यही हो रहा है। इसी कारण Suzlon पिछली लगातार 4 तिमाही से शुध्ध मुनाफे मे चल रही है। जिसका असर उसके शेयर के दाम पर भी हुआ।

अब क्या Suzlon सच मे Multibagger बनेगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन पिछले 6 महीने मे 4 गुना होकर कंपनी निवेशको का पैसा 4 गुना तो कर ही चुकी है। और हा अगर कंपनी इसी तरह अपना कर्ज़ कम करती रही तो लंबे समय मे कंपनी का business तो जरूर बढ़ेगा और business बढ़ेगा तो Share Price तो बढ़ना चाहिए।

Note :

i) Suzlon की समस्या और समाधान हर एक आम निवेशक समज सके इस लिए हमने यहा पर आकड़ों का प्रयोग नहीं किया है।

ii) यहाँ पर लिए गए किसी भी शेयर के नाम सिर्फ आपको जानकारी देने के लिए ही है। हम किसी भी कंपनी मे निवेश करने की सलाह नहीं दे रहे है। 

By Gaurav

Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।