तो आप अपना टैक्स कम करना चाहते है ??
दोस्तों हमारी आय में से सबसे बड़ा एक खर्च होता है तो वह TAX का होता है।
अब सभ्य समाज में रहने के लिए टैक्स भरना भी बहुत जरुरी है।
लेकिन सरकार द्वारा दिए गए बहुत से ऐसे विकल्प है जिस से हम अपना टैक्स कम कर सकते है।
और ऐसे सभी विकल्पों के बारे में कौन नहीं जान ना चाहेगा ?
इस लिए आज हम अपना टैक्स किन किन निवेश विकल्प में निवेश कर के कम कर सकते है वह देखेंगे।
हम बहुत सी जगह पर सुनते है की इस में निवेश करने पर धारा 80C के तहत टैक्स लाभ मिलता है।
सभी निवेश विकल्पों में से ज्यादातर टैक्स छूट Section 80C के अंतर्गत आने वाले विकल्पों में छूट मिलती है।
आज हम 80C के अंतर्गत आने वाले निवेश विकल्पों को जानेंगे।
क्या है Section 80C ?
Section 80C, आयकर अधिनियम 1961 में आने वाला एक Section है ।
इस Section के अंतर्गत आप अपनी कर लायक राशि में से अधिकतम 1.5 लाख तक की राशि घटा सकते है ।
जिस से आपको कम आय पर टैक्स देना पड़ेगा ।
उदाहरण के तौर पर अगर आपकी कर लायक आय 4 लाख रुपए है, तो आप सेक्शन 80सी के अंतर्गत किन्हीं निवेश के विकल्प में निवेश कर सकते है ।
जिससे आपकी नई कर लायक आय 4 लाख के बदले 2.5 लाख हो जाएगी ।
80C के तहत निवेशों की सूचि (Section 80C deduction list) :
इन निवेश के साधनो में निवेश करने पर आपको Section 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है।
1. ELSS (Equity Linked Saving Scheme) :
ELSS एक Diversified Equity Mutual Fund है।
इस फंड में निवेश किए गए पैसो में से कम से कम 80% हिस्सा equity यानी अलग अलग कंपनीओ के शेयर खरीदने में किया जाता है।
और बाकि का हिस्सा डेब्ट यानी फिक्स्ड ब्याज देने वाले निवेश विकल्पों में निवेश किया जाता है।
ELSS में निवेश करने का एक सबसे बड़ा लाभ यह है की 80C deduction list में आने वाले निवेश विकल्पों में सबसे कम लॉक इन समय इस विकल्प में है।
यह लॉक इन समय सिर्फ 3 साल का ही है।
कौन निवेश कर सकता है ?
ELSS में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है।
निवेश की अवधि कितनी है ?
इस निवेश विकल्प में निवेश की अवधि कम से कम 3 साल की है।
ELSS के बारे में ज्यादा जानकारी यहाँ (ELSS) से ले।
2. EPF ( Employees Provident Fund) :
EPF वह निवेश विकल्प है जिसे आप PF के नाम से जानते है, यह विकल्प खासकर नौकरी पैसा लोगो के लिए ही है।
हर महीने नौकरी पैसा लोगो के वेतन में से pf की राशि पहले ही काट ली जाती है।
उसके बाद ही उन्हें बाकि का वेतन दिया जाता है।
यह पैसा EPFO द्वारा सरकारी नियत ब्याज वाले विकल्प जैसे बोंड में निवेश किया जाता है।
इस तरह से निवेश की गई राशि से कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय कुछ पैसा एक साथ और बाकी पैसे से कर्मचारी को पेंशन मिलता है।
इस निवेश पर भी टैक्स लाभ मिलता है।
कौन निवेश कर सकता है ?
इस निवेश में हर कर्मचारी जिसकी कंपनी में 20 या उस से ज्यादा कर्मचारी है, उन कर्मचारी का निवेश कम्पनी द्वारा ही कर दिया जाता है।
निवेश की अवधि कितनी है ?
EPF में निवेश की अवधि 15 साल की होती है, यानी निवेश किया गया पैसा 15 साल तक नहीं निकाल सकते ।
EPF के बारे में ज्यादा जानकारी आपको यहाँ (EPF in Hindi) से मिलेगी।
3. PPF (Public Provident Fund) :
यह योजना बहुत ही लोकप्रिय बचत योजना है।
इसमें सिर्फ कर्मचारी ही नहीं बल्कि कोई भी भारतीय निवेश कर सकता है।
इस योजना की खासियत यह है कि इसमें बाकी सभी नियत ब्याज वाले विकल्पों से सबसे ज्यादा ब्याज मिलता है।
PPF में निवेश की गई राशि , उस पर मिला ब्याज दोनों ही सेक्शन 80सी के अंतर्गत कर मुक्त है।
कौन निवेश कर सकता है ?
यह निवेश की योजना हर भारतीय के लिए है । इस लिए इसमें कोई भी भारतीय निवेश कर सकता है।
निवेश की अवधि कितनी है ?
इस योजना में भी EPF की तरह ही 15 साल का लोक इन समय होता है ।
PPF के बारे में ज्यादा जानकारी आपको यहाँ (PPF) से मिलेगी।
4. NPS (National Pension System) :
NPS एक निवेश योजना है, जिसको भारत सरकार ने 1 जनवरी 2004 से शुरू किया था।
इस योजना का उदेश्य निजी और सरकारी कर्मचारीओ तथा स्वनिर्भर लोगो के लिए रिटायरमेंट के वक्त जरुरी एक मुश्त राशि और उसके बाद पेंशन की व्यवस्था करना है।
इस योजना में निवेश करने पर जमा हुई राशि में से अधिकतम 60 % राशि एकमुश्त निकल सकती है।
और बाकि बची राशि से निवेशक को अपने लिए Annuity Plan खरीदना होगा।
इस Annuity प्लान से निवेशक को रिटायर होने के बाद से पूरा जीवन पेंशन मिलेगा।
यह निवेश विकल्प भी 80C deduction list में शामिल है।
यानी इस में निवेश किए गए पैसो मे से भी निवेशक को 1.5 लाख तक की राशि करमुक्त होगी।
कौन निवेश कर सकता है ?
इस योजना में कोई भी कर्मचारी (सरकारी या निजी), तथा स्वनिर्भर व्यक्ति भी निवेश कर सकता है।
लेकिन वह व्यक्ति भारतीय और उसकी उम्र 18 से 60 साल के बिच में होनी चाहिए।
NRI भी इसमें निवेश कर सकते है।
निवेश की अवधि कितनी है ?
इस योजना में निवेश की अवधि हर निवेशक के लिए अलग अलग होती है।
निवेशक 18 साल के होने के बाद जब भी इस योजना में निवेश शुरू करे तब से उस के 60 साल के होने तक इस योजना में निवेश करना होगा।
यानी अगर किसी ने 20 साल की उम्र में NPS में निवेश शुरू किया है, तो उसे अगले 40 साल तक इस योजना में निवेश करना पड़ेगा।
NPS के बारे में ज्यादा जानकारी आपको यहाँ NPS in Hindi से मिलेगी।
5. NSC (National Saving Certificate) :
NSC यानी राष्ट्रीय बचत पत्र डाकघर के द्वारा चलाई जाने वाली बहुत ही अच्छी बचत योजना है।
इस योजना के द्वारा निवेशक अपनी निवेश की गई राशि पर निश्चित ब्याज पा सकता है।
यह योजना डाकघर की बचत योजना होने की वजह से इसमें निवेश की गई राशि और उसका ब्याज 100 % सुरक्षित होता है।
इस योजना में निवेश करके निवेशक भारत सरकार को अपने पैसे उधार देती है।
और निवेश की अवधि ख़त्म होंने के बाद डाकघर के द्वारा सरकार वह पैसा और उस पर मिला ब्याज निवेशक को वापिस देती है।
इस निवेश पर भी निवेशक Section 80C के तहत टैक्स छूट ले सकते है।
कौन निवेश कर सकता है ?
इस योजना में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है। लेकिन किसी और देश का नागरिक और NRI इसमें निवेश नहीं कर सकते।
निवेश की अवधि कितनी है ?
NSC में निवेश की अवधि 5 साल की होती है और यह अवधि लॉक इन होती है।
यानी निवेश करने के बाद 5 साल ख़त्म होने तक NSC के द्वारा निवेश किया गया पैसा नहीं निकाला जा सकता।
NSC के बारे में विस्तार से जानकारी आप यहाँ (NSC) से ले सकते है।
6. Tax Saver FD :
टैक्स बचाने वाली फिक्स्ड डिपाजिट बैंक द्वारा दी जाने वाली आम फिक्स्ड डिपाजिट से अलग होती है।
बाकि सभी फिक्स्ड डिपाजिट का लक्ष्य निवेशक को सिर्फ सुरक्षा और निश्चित ब्याज देना होता है।
जबकि टैक्स बचाने वाली फिक्स्ड डिपाजिट का लक्ष्य सुरक्षा और ब्याज के साथ में टैक्स छूट दिलवाना भी होता है।
इसी लिए इन्हे Tax Saver FD कहा जाता है।
इन फिक्स्ड डिपाजिट में कम से कम 100 रुपए से लेकर ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपए तक ही निवेश किया जा सकता है।
कौन निवेश कर सकता है ?
इस तरह की FD में भी कोई भी निवेश कर सकता है।
निवेश की अवधि कितनी है ?
सामान्य फिक्स्ड डिपाजिट तो निवेशक अपनी मर्ज़ी से निवेश की अवधि चुन सकता है।
लेकिन टैक्स बचाने वाली इन फिक्स्ड डिपाजिट में ऐसा नहीं होता।
इन फिक्स्ड डिपाजिट की निवेश अवधि निश्चित 5 साल की ही होती है।
यानी 5 साल से पहले निवेश किया हुआ पैसा नहीं निकाल सकते।
लेकिन अगर जरुरत हो तो आप इसके ऊपर लोन ले सकते है।
7. SSY (Sukanya Samriddhi Yojana) :
सुकन्या समृद्धि योजना 80C deduction list की बाकि सभी योजनाओ से अलग निवेश योजना है।
क्युकी यह योजना सिर्फ बेटिओ के लिए ही है।
यानी इस योजना में केवल वही लोग निवेश कर सकते है जिनकी बेटी 10 साल या उस से छोटी हो।
और खाता भी बेटी के नाम से ही खुलवा सकते है।
इस योजना का उदेश्य लोगो को उनकी बेटी की छोटी उम्र से ही उसकी पढाई और शादी के लिए थोड़ी थोड़ी राशि निवेश करने के लिए प्रेरित करना है।
इस योजना में बेटी के माता पिता या गार्जियन को कम से कम साल के 250 रुपए निवेश करने पड़ेंगे।
और अधिकतम निवेश साल का 1.5 लाख ही किया जा सकता है।
निवेश की अवधि कितनी है ?
इस योजना में निवेशक को 15 साल तक निवेश करना होगा और उसके बाद 6 साल तक निवेशित रहना होगा।
यानी कुल निवेश अवधि 21 साल की होगी।
लेकिन अगर बेटी की शादी उसके 18 साल के बाद और निवेश के 21 साल पुरे होने से पहले हो जाती है, तो इस योजना में से पूरा पैसा निकाला जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में आप विस्तार से जानकारी यहाँ (SSY in Hindi) से ले सकते है।
8. APY (Atal Pension Yojana) :
यह एक पेंशन योजना है , जोकि खासकर असंगठित क्षेत्र के लोगो के लिए ही शुरू की गई योजना है।
इस योजना में निवेश की अवधि ख़त्म होने के बाद निवेशक को उसके 60 साल के होने से आजीवन तक निश्चित राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
यह राशि 1 हजार से लेकर 5 हजार तक की हो सकती है।
निवेश करते वक्त ही निवेशक को तय करना होगा की निवेशक को कितनी राशि पेंशन के रुप में चाहिए।
उसके अनुसार ही निवेशक को कितनी राशि निवेश करनी है वह तय होगा।
इस योजना में निवेश की गई राशि पर भी टैक्स छूट ले सकते है।
कौन निवेश कर सकता है ?
इस योजना में कोई भी 18 से 40 साल का भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है।
निवेश की अवधि कितनी है ?
इस योजना में निवेशक को निवेश की शुरुआत से लेकर उसके 60 साल के होने तक निवेश करना होगा।
जितना जल्दी निवेशक इस योजना में निवेश करेगा उतनी ही कम राशि उसे निवेश के रूप में चुकानी होगी।
APY के बारे में विस्तार से जानकारी यहाँ (APY) से ले सकते है।
इन के आलावा कुछ और विकल्प भी है जो 80C deduction list में शामिल है, लेकिन उनके बारे में विस्तृत में हम आगे जानेंगे।
Note :
इन सभी निवेश विकल्पों में मिला कर ही 1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है।
नाकि हर एक में 1.5 – 1.5 लाख की छूट मिलती है।
यानी अगर आपने इनमे से किन्ही एक में ही 1.5 लाख तक का निवेश कर दिया तो सिर्फ उसी 1.5 लाख पर टैक्स छूट मिलेगी।
बाकि के विकल्पों में निवेश की गई राशि पर तो टैक्स देना ही पड़ेगा।
इस लिए इन विकल्पों में से अपने लिए सोच समझकर ही निवेश विकल्प चुने।
उम्मीद करता हु दोस्तों की आप आगे से अपना टैक्स बचाने के लिए 80C deduction list का प्रयोग करेंगे।